हिंदी फिल्मो में लोग १०० रूपये से लेकर से १००० रूपये के हिसाव से काम करते है वह भी डेली के मजदूर है कभी काम मिलता है कभी नहीं | हर किसी के मन इच्छा होती है वह किसी दिन बड़ा एक्टर , डांसर , सिंगेर ,डिरेक्टर , रायटर बनेगा | फिल्म स्ट्रगलर्स मुंबई में चाल में रहकर फिल्म स्ट्रगलर्स करने पर मजबूर है , वह किसी भी कीमत पर अपनी मंजिल पर पहुचना चाहते है चाहे कुछ हो |
बॉलीवुड में लूटेरो की कमी नहीं है वह काम दिलाने के नाम सब कुछ लूट लेते है | मै एक दिन फिल्म कॉमेडियन एक्टर कवि अहसान कुरैशी का साक्षात्कार लेने गया ,| कुरैशी जी बोले गंगवार जी हम वेर्सोवा में काफ्फी होम में मिलते है | साक्षात्कार का टाइम पहले से निश्चित था | कुरैशी जी थोडा सा लेट हो गए , मैंने सोचा जरा भाई दूसरी तरफ का नजारा भी देख लू . |
मै इधर उधर टहल रहा था तभी मेरी नजर ४ फुट के आदमी पर पड़ी | वह मोबाइल लेकर इधर उधर चक्कर काट रहा था. कभी वह मुझे घूरता तो कभी मै उसे घूर लेता | थोड़ी देर बाद वह आकर बोला ,क्या आपको एक्टर बनना है , मैंने भी मजाक में बोला की भाई बनवा दो | खैर कुछ देर बाद वह अपनी जात पर उतर आया | बोला बॉस बॉलीवुड में काम येशे नहीं मिलता है |
मै बोला भाई तरीका बता दे | वह तपाक से बोला तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है मैंने हां कर दी | फिर आपको काम मिल सकता है उसे देखना पड़ेगा | मै बोला भाई ,मुझे काम चाहिए गर्ल फ्रेंड को नहीं ? अरे यार उसके बलबूते पर ही तुमको काम मिलेगा . ? मै उसका इशारा समझ चुका था |
तभी पीछे से आवाज आयी अवे क्या मुर्गा मिला की नहीं ? मै बोला -भाई मुर्गा काटने के चक्कर में एक घंटा से पका रहा है तब तक मुझे कुरैशी जी का फ़ोन आ गया मै उधर से चलता बना ? बाकी की कहानी बाद में ?
सुशील गंगवार (फिल्म पत्रकार )
Sakshatkar.com
Bollywoodkhabar.com
बॉलीवुड में लूटेरो की कमी नहीं है वह काम दिलाने के नाम सब कुछ लूट लेते है | मै एक दिन फिल्म कॉमेडियन एक्टर कवि अहसान कुरैशी का साक्षात्कार लेने गया ,| कुरैशी जी बोले गंगवार जी हम वेर्सोवा में काफ्फी होम में मिलते है | साक्षात्कार का टाइम पहले से निश्चित था | कुरैशी जी थोडा सा लेट हो गए , मैंने सोचा जरा भाई दूसरी तरफ का नजारा भी देख लू . |
मै इधर उधर टहल रहा था तभी मेरी नजर ४ फुट के आदमी पर पड़ी | वह मोबाइल लेकर इधर उधर चक्कर काट रहा था. कभी वह मुझे घूरता तो कभी मै उसे घूर लेता | थोड़ी देर बाद वह आकर बोला ,क्या आपको एक्टर बनना है , मैंने भी मजाक में बोला की भाई बनवा दो | खैर कुछ देर बाद वह अपनी जात पर उतर आया | बोला बॉस बॉलीवुड में काम येशे नहीं मिलता है |
मै बोला भाई तरीका बता दे | वह तपाक से बोला तुम्हारी गर्ल फ्रेंड है मैंने हां कर दी | फिर आपको काम मिल सकता है उसे देखना पड़ेगा | मै बोला भाई ,मुझे काम चाहिए गर्ल फ्रेंड को नहीं ? अरे यार उसके बलबूते पर ही तुमको काम मिलेगा . ? मै उसका इशारा समझ चुका था |
तभी पीछे से आवाज आयी अवे क्या मुर्गा मिला की नहीं ? मै बोला -भाई मुर्गा काटने के चक्कर में एक घंटा से पका रहा है तब तक मुझे कुरैशी जी का फ़ोन आ गया मै उधर से चलता बना ? बाकी की कहानी बाद में ?
सुशील गंगवार (फिल्म पत्रकार )
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